भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS) युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने तथा उद्योगों में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का उद्देश्य प्रशिक्षण को रोजगार से जोड़ना और युवाओं के लिए व्यावसायिक दक्षताओं को बढ़ाना है। इस आलेख में हम NAPS के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे – इसका परिचय, पात्रता, लाभ, आवेदन प्रक्रिया, तथा योजना से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य।
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NAPS क्या है? | राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना का परिचय
राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS) भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की एक योजना है, जो युवाओं को औद्योगिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शिक्षुता प्राप्त करने और बाद में रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करती है। यह योजना उद्योगों और शिक्षुता प्रशिक्षणार्थियों दोनों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है ताकि वे गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक प्रशिक्षण सुनिश्चित कर सकें।
यह योजना Apprentices Act, 1961 के अनुरूप चलायी जाती है, जिसमें औद्योगिक स्थानों पर प्रशिक्षार्थियों को कौशल प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। NAPS के तहत प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित करने वाले नियोक्ताओं को मासिक प्रशिक्षु भुगतान के एक निश्चित हिस्से की प्रतिपूर्ति दी जाती है।
राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के उद्देश्य
- युवाओं को औद्योगिक क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना।
- शिक्षुता योजना के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाना।
- औद्योगिक जरूरतों के अनुरूप कौशल विकास को प्रोत्साहित करना।
- निर्माण और सेवा क्षेत्र में प्रशिक्षुता के प्रचार-प्रसार द्वारा कौशल कार्यबल का विस्तार करना।
- नियोक्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम को सुलभ और लाभकारी बनाना।
राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना की पात्रता
व्यक्ति के लिए पात्रता
- भारत का नागरिक होना अनिवार्य है।
- उम्र 14 वर्ष से अधिक होना चाहिए।
- 10वीं, 12वीं, ITI या अन्य शैक्षणिक योग्यता वाले विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं।
- विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षुता के लिए आरक्षित योग्यता मान्य होती है।
नियोक्ता के लिए पात्रता
- भारत में पंजीकृत उद्योग या कंपनी होना चाहिए।
- काम का उचित स्थान एवं प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराना आवश्यक है।
- मासिक प्रशिक्षु वेतन देने में सक्षम होना चाहिए।
NAPS के तहत मिलने वाले लाभ
- प्रशिक्षुओं को मासिक वेतन: प्रशिक्षुओं को उनके ट्रेड एवं श्रेणी के अनुसार मासिक वेतन मिलता है।
- नियोक्ताओं को आर्थिक सहायता: मासिक वेतन का 25% या अधिकतम ₹1500 प्रति प्रशिक्षु प्रति माह, 2 वर्ष तक (ITI प्रशिक्षुओं के लिए 3 साल) प्रतिपूर्ति के रूप में।
- उद्योगों के लिए प्रशिक्षण सुविधाओं का विकास: बेहतर प्रशिक्षार्थी तैयार करने के लिए सुविधा एवं संसाधन बढ़ाने के लिए मदद।
- कौशल विकास को बढ़ावा: युवाओं को रोजगार पर केंद्रित कौशल शिक्षा उपलब्ध कराना।
- रोजगार सुनिश्चित करना: शिक्षुता पूर्ण होने पर उद्योग में स्थायी रोजगार पाने के अवसर।
राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत आवेदन कैसे करें?
व्यक्ति (अप्रेंटिस) के लिए आवेदन प्रक्रिया
प्रशिक्षु बनने के इच्छुक उम्मीदवार NAPS की आधिकारिक वेबसाइट (https://www.apprenticeshipindia.gov.in) पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण के बाद, उम्मीदवार संबंधित उद्योगों या प्रशिक्षण प्रदाताओं द्वारा दी जाने वाली शिक्षुता के पदों पर आवेदन कर सकते हैं।
नियोक्ता के लिए आवेदन प्रक्रिया
- नियोक्ता पहले Apprenticeship India Portal पर पंजीकरण करते हैं।
- फिर वे शिक्षुता की रिक्तियां पोर्टल पर डालते हैं।
- शिक्षुओं का चयन कर वे प्रशिक्षण शुरू करते हैं।
- NAPS के तहत वे आर्थिक सहायता के लिए ऑनलाइन दावा जमा करते हैं।
आवश्यक दस्तावेज
- पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट इत्यादि)
- शैक्षणिक योग्यता प्रमाणपत्र
- पता प्रमाणपत्र
- नियोक्ता के लिए पंजीकरण दस्तावेज एवं प्रस्तावित प्रशिक्षुता विवरण
NAPS के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम और अवधि
प्रशिक्षुता का कालावधि ट्रेड और योग्यता के आधार पर भिन्न होता है।
- 10वीं पास छात्रों के लिए आमतौर पर 1 वर्ष से 3 वर्ष तक का प्रशिक्षण निर्धारित होता है।
- ITI योग्यता धारकों के लिए अधिकतम 3 वर्ष का प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है।
- प्रशिक्षु को प्रशिक्षण के दौरान मासिक वेतन के साथ-साथ आवश्यक उपकरण और सुरक्षा सामग्री प्रदान की जाती है।
राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत आवेदन हेतु महत्वपूर्ण तिथियाँ
NAPS पोर्टल पर आवेदन वर्ष भर चलता रहता है। परंतु विशेष अवसरों और अभियान के तहत सरकार प्रशिक्षणार्थियों और नियोक्ताओं के लिए रजिस्ट्रेशन और आवेदन की अवधि तय करती है। इसलिए नियमित रूप से आधिकारिक पोर्टल की जाँच आवश्यक है।
प्रशिक्षुता के बाद रोजगार के अवसर
NAPS के अंतर्गत प्रशिक्षुता पूर्ण करने वाले छात्र संबंधित उद्योगों में स्थायी नौकरी पाने के बेहतर अवसर प्राप्त करते हैं। योजना प्रशिक्षण और नौकरी को जोड़ती है जिससे युवाओं में आत्मनिर्भरता बढ़ती है। इससे न केवल आर्थिक लाभ होता है, बल्कि उद्योगों को कुशल कार्यबल भी प्राप्त होता है।
राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)
राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS) का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को औद्योगिक प्रशिक्षुता देकर कुशल बनाना तथा रोजगार के अवसर बढ़ाना है।
क्या हर उद्योग NAPS के लिए पात्र है?
नहीं, केवल पंजीकृत और श्रम संबंधित नियमानुसार काम करने वाले उद्योग इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं।
प्रशिक्षु को कितनी आर्थिक सहायता मिलती है?
प्रशिक्षु को मासिक वेतन मिलता है, और नियोक्ता को वेतन के 25% या अधिकतम 1500 रुपये प्रतिमाह सरकार से प्रतिपूर्ति मिलती है।
क्या ऑनलाइन आवेदन जरूरी है?
जी हाँ, आवेदक और नियोक्ता दोनों के लिए NAPS में ऑनलाइन पंजीकरण और आवेदन अनिवार्य है।
क्या महिला उम्मीदवार भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?
बिल्कुल, राष्ट्रीय स्तर पर सभी योग्य उम्मीदवार चाहे पुरुष हों या महिला, इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS) युवाओं के कौशल विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के क्षेत्र में एक प्रभावशाली पहल है। यह योजना न केवल युवाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षुता प्रदान करती है, बल्कि नियोक्ताओं को भी अपने उद्योगों में कुशल कार्यबल सुनिश्चित करने का अवसर देती है। यदि आप 10वीं, 12वीं या ITI पास हैं और रोजगार के बेहतर अवसर चाहते हैं, तो NAPS के तहत प्रशिक्षण लेकर अपना भविष्य संवार सकते हैं।
सरकार की यह योजना भारत में कौशल आधारित रोजगार को बढ़ावा देने और देश के आर्थिक विकास में योगदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आप NAPS की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं और अपने सपनों को वास्तविकता में बदल सकते हैं।